यशपाल. (1959). तुमने क्यों कहा था, मैं सुंदर हूँ (2nd.). विप्लव कार्यालय.
शिकागो शैली (17वां संस्करण) प्रशस्ति पत्रयशपाल. तुमने क्यों कहा था, मैं सुंदर हूँ. 2nd. लखनऊ: विप्लव कार्यालय, 1959.
एमएलए (9वां संस्करण) प्रशस्ति पत्रयशपाल. तुमने क्यों कहा था, मैं सुंदर हूँ. 2nd. विप्लव कार्यालय, 1959.
चेतावनी: ये उद्धरण हमेशा 100% सटीक नहीं हो सकते हैं.