महाश्वेता

Saved in:
Bibliographic Details
Main Author: मूर्ति, सुधा
Format: Book
Published: दिल्ली प्रभात प्रकाशन 2000
Subjects:
Tags: Add Tag
No Tags, Be the first to tag this record!
Description
Item Description:क ‘शादी का प्रेमपूर्वक आह्वान’ मेरी साहित्यिक जिंदगी में उत्साह लाकर इस दूसरी आवृत्ति का कारण बना है। मेरे पास आए ‘आमंत्रण’ ने सामान्य होते हुए भी असामान्य परिणाम किया है। आमंत्रण के साथ एक छोटा कागज भी था— ‘‘आपकी महाश्वेता’ पढ़ कर आनंदित हो गए। अपने बेटे के लिए अच्छी बहू ढूंढ़ी थी। बेटा झिझका। ‘नहीं’ कहा। लड़की कई सालों से परिचित थी। हम सबों को बहुत बुरा लगा। लड़की मुरझाई। आपका उपन्यास छुट्टी में आया। बेटे ने पढ़ लिया। एक हफ्ते बाद खुद आगे आकर हाँ कर दी। लड़की की माँ को ‘सफेद दाग’ था। मेरा बेटा, सफेद दाग के पीछे कितना दर्द है, समझ गया था। आपके उपन्यास में हमें तृप्ति और संतुष्टि मिली है। इस शादी में जरूर उपस्थित रहें, यह हमारी आग्रहपूर्वक विनती है।’ मैंने चौंककर इस पर विश्वास नहीं किया, ‘यह संभव है क्या ?’ मेरे बड़े सहयोगी श्री जी.आर.नायक जी से पूछा। उन्होंने ‘यह संभव’ है कहा। मेरी कहानियों में वे अपार आस्था रखते हैं। हृदय से आनंद महसूस करते हैं। एक उपन्यास जन-जीवन पर असर डालती है। इस बात का सही साक्ष्य है यह। यही मेरी लेखनी की स्फूर्ति है। मेरा यही ‘गौरव-धन’ है। हमेशा की तरह पुस्तक खरीदकर पढ़नेवाले कन्नड़ बंधुओं को कृतज्ञताएँ !
Physical Description:179p.
ISBN:817315337X