श्रीशुक्ल यजुर्वेदीय शतपथ ब्राह्मण
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Format: | Book |
Published: |
दिल्ली :
गोविंदराम हसानन्द,
1988
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Item Description: | समस्त ब्राह्मण-ग्रन्थों के मध्य शतपथ ब्राह्मण सर्वाधिक बृहत्काय है। शुक्लयजुर्वेद की दोनों शाखाओं-माध्यान्दिन तथा काण्व में यह उपलब्ध है। यह तैत्तिरीय ब्राह्मण के ही सदृश स्वराङिकत है।[1] अनेक विद्वानों के विचार से यह तथ्य इसकी प्राचीनता का द्योतक है। |
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Physical Description: | 691p. |