उकाळ उंदार
त्रयी
चंद्रकुँवर :काव्य प्रसंग और काव्य संहिता
गीत गोविंद हरिश्चंद्र,
श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कविताएँ
विजयमुक्तावली विमर्श
वन वैभव: भारतीय वनस्पति काव्य-संग्रह (प्रथम अंक)
धूप में खड़े लोग
उत्सव का निर्मम समय
धूप की लपेट
यह अंदर की बात है
जीवन वृक्ष
अविराम चल मधुवंती
गीतगोविन्द
आकाश-सा सघन
इतिहास-पुरुष
हंस अकेला
गीतांजलि