गुणाकर मुले

गुणाकर मुले (मराठी:गुणाकर मुळे) (३ जनवरी, १९३५ - १६ अक्टूबर, २००९) हिन्दी और अंग्रेजी में विज्ञान-लेखन को लोकप्रिय बनाने वाले जाने माने लेखक थे।

महाराष्ट्र के अमरावती जिले के सिंधु बुजुर्ग गाँव में ३ जनवरी १९३५ को जन्में मराठी मूल के होने के बावजूद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से गणित में एम.ए. किया और लेखन के लिए हिंदी व अंग्रेजी भाषाओं को माध्यम बनाया। वर्षों दार्जीलिंग स्थित राहुल संग्रहागार से संबद्ध रहने के उपरांत 1971-72 के दौर में वे दिल्ली आ गए थे और फिर दिल्ली ही उनके जीवन का अंतिम पड़ाव बनी। यहीं उन्होंने विवाह किया, घर बसाया और रहे। एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि सिविल मैरिज के दौरान कोर्ट के सम्मुख मुले जी के पिता की भूमिका बाबा नागार्जुन ने निभाई थी।

गुणाकर मराठी भाषी थे, पर उन्होंने पचास साल से अधिक समय तक हिन्दी में लेखन किया और उनकी करीब 35 पुस्तकें छपीं। वे राहुल सांकृत्यायन के शिष्य थे। उनके परिवार में दो बेटियाँ, एक पुत्र तथा पत्नी हैं। उन्होने हिन्दी में करीब तीन हजार लेख लिखे और अँगरेजी में उनके 250 से अधिक लेख हैं। वे एनसीईआरटी के पाठ्य पुस्तक संपादन मंडल व नेशनल बुक ट्रस्ट की हिंदी प्रकाशन सलाहकार समिति के सदस्य रह चुके हैं। 16 अक्टूबर 2009 को मियासथीनिया ग्रेविस नामक न्यूरो डिसार्डर के कारण मुले का पांडव नगर में देहावसान हो गया। विकिपीडिया द्वारा प्रदान किया गया
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    नक्षत्र-लोक द्वारा मुले, गुणाकर

    प्रकाशित 1973
    पुस्तक
  2. 2

    भारतीय अंक-पद्धति की कहानी द्वारा मुले, गुणाकर

    प्रकाशित 1975
    पुस्तक
  3. 3

    महान वैज्ञानिक द्वारा मुले, गुणाकर

    प्रकाशित 1981
    पुस्तक
  4. 4

    प्राचीन भारत की संस्कृति और सभ्यता द्वारा कोसंबी, दामोदर धर्मानंद

    प्रकाशित 1990
    अन्य लेखक: “…मुले, गुणाकर…”
    पुस्तक