अमृता प्रीतम
![वर्ष 1948 में अमृता प्रीतम|subject=[[काव्य|कविता]], [[उपन्यास]], [[कहानी]]|movement=छायावाद, प्रगतिवाद|occupation=कवि, लेखक|name=अमृता प्रीतम|birth_place=[[गुजरांवाला]], [[पंजाब (भारत)]], [[भारत]]|birth_date=31 अगस्त 1919|death_date={{death date and age|2005|10|31|1919|8|31|df=y}}|language=पंजाबी|genre=गद्य और पद्य|nationality=[[भारत|भारतीय]]|death_place=[[नई दिल्ली]], [[भारत]]|notablework=[[पिंजर (उपन्यास)|पिंजर]] (उपन्यास)<br>[[अज्ज आखाँ वारिस शाह नूँ]] (कविता)](https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/7/78/Amrita_Pritam_%281919_%E2%80%93_2005%29_%2C_in_1948.jpg)
अमृता प्रीतम का जन्म १९१९ में गुजरांवाला पंजाब (भारत) में हुआ। बचपन बीता लाहौर में, शिक्षा भी वहीं हुई। किशोरावस्था से लिखना शुरू किया: कविता, कहानी और निबंध। प्रकाशित पुस्तकें पचास से अधिक। महत्त्वपूर्ण रचनाएं अनेक देशी विदेशी भाषाओं में अनूदित।
१९५७ में साहित्य अकादमी पुरस्कार, १९५८ में पंजाब सरकार के भाषा विभाग द्वारा पुरस्कृत, १९८८ में बल्गारिया वैरोव पुरस्कार;(अन्तर्राष्ट्रीय) और १९८२ में भारत के सर्वोच्च साहित्त्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित। उन्हें अपनी पंजाबी कविता अज्ज आखाँ वारिस शाह नूँ के लिए बहुत प्रसिद्धी प्राप्त हुई। इस कविता में भारत विभाजन के समय पंजाब में हुई भयानक घटनाओं का अत्यंत दुखद वर्णन है और यह भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में सराही गयी। विकिपीडिया द्वारा प्रदान किया गया