साने गुरूजी
अंगूठाकार|साने गुरूजी पांडुरंग सदाशिव साने (२४ दिसम्बर १८९९ - ११ जून १९५०) मराठी के प्रसिद्ध लेखक, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे साने गुरूजी के नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं।पाण्डुरंग साने जी का जन्म २४ दिसम्बर १८९९ को महाराष्ट्र के रत्नगिरि जनपद के पालगढ़ कस्बे में हुआ था। इनके पिताजी का नाम सदाशिव साने तथा माताजी का नाम यशोधाबाई साने था।
उनके जीवन में उनको माँ की शिक्षा का बहुत प्रभाव पड़ा। शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होने अमलनेर के प्रताप हाई स्कूल में शिक्षक के पद पर काम किया। प्रताप हाई स्कूल में छात्रावास कि जिम्मेदारी सम्भालते हुए उन्हे बहुत प्रसिद्धि मिली। उन्होने छात्रावास में छात्रो को खुद के जीवन के स्वावलम्बन का पाठ पढ़ाया। अमलनेर में उन्होने तत्त्वज्ञान मंदिर में तत्त्वज्ञान कि शिक्षा ली।
सन १९२८ में उन्होने ‘विद्यार्थी’ नाम से मासिक का प्रकाशन आरम्भ किया। उन पर महात्मा गांधी के विचारो का बहुत प्रभाव था। वो खादी के कपड़ों का उपयोग करते थे। सन १९३० में उन्होने शिक्षक कि नौकरी छोड दी। शिक्षक कि नौकरी छोड़ने के बाद उन्होने सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लिया। विकिपीडिया द्वारा प्रदान किया गया