भदन्त आनन्द कौसल्यायन

भदंत डॉ. आनंद कौसल्यायन (5 जनवरी 1905 - 22 जून 1988) बौद्ध भिक्षु, पालि भाषा के मूर्धन्य विद्वान तथा लेखक थे। इसके साथ ही वे पूरे जीवन घूम-घूमकर समतामूलक समाज का प्रचार प्रसार करते रहे। वे 10 साल राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के प्रधानमंत्री रहे। वे बीसवीं सदी में बौद्ध धर्म के सर्वश्रेष्ठ क्रियाशील व्यक्तियों में गिने जाते हैं। विकिपीडिया द्वारा प्रदान किया गया
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    जातक द्वारा कौसल्यायन, भदन्त आनन्द

    प्रकाशित 1971
    पुस्तक